Pfizer-BioNTech Covid-19 vaccine: फाइजर और बायोएनटेक की बनाई वैक्सीन शुरुआती एनालिसिस में 90 प्रतिशत तक असरदार रही है। यह नतीजे बेहद उत्साहवर्धक है और वैक्सीन जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद बढ़ गई है।
Pfizer ने कहा है कि उसके एनालिसिस में कोविड-19 के 94 कन्फर्म मामलों पर रिसर्च हुई। इनमें दोनों तरह के लोग शामिल थे, वैक्सीन पाने वाले भी और प्लेसीबो पाने वाले भी। फाइजर ने कहा कि उसकी वैक्सीन ने दूसरी डोज के सिर्फ 7 दिन बाद ही 90% में असर दिखाया। फाइजर ने यह नहीं बताया है कि कितनों को वैक्सीन दी गई थी और कितनों को प्लेसीबो। फाइजर के अनुसार, वैक्सीन की पहली डोज देने के 28 दिन बाद प्रोटेक्शन मिल जाती है। यह अंतरिम एनालिसिस 8 नवंबर को किया गया था। फाइजर ने फेज 3 में 43,538 लोगों को एनरोल किया है।
Pfizer के प्रोटोकॉल के अनुसार, पहला अंतरिम एनालिसिस तब होना था जब 32 पार्टिसिपेंट्स पॉजिटिव टेस्ट हो जाएं। इन 32 में वैक्सीन और प्लेसीबो, दोनों तरह के शॉट पाने वाले शामिल हैं। अगर किसी वैक्सीन ग्रुप में छह से भी कम पार्टिसिपेंट्स पॉजिटिव टेस्ट होते तो वैक्सीन असरदार मान ली जाती। फाइनल एनालिसिस के लिए, 164 मामलों में से कम से कम 50% पर असरदार रहने पर ही FDA वैक्सीन को सफल मानेगी। फाइजर ने USFDA से बातचीत के बाद पहले अंतरिम एनालिसिस की लिमिट बढ़ाकर 94 केस कर दी थी। ऐसे में ज्यादा बड़े सैंपल के ऐसे नतीजों से उम्मीद और बढ़ गई है।
कंपनी ने 2020 में कुल 5 करोड़ वैक्सीन तैयार करने का दावा किया है। फाइजर की योजना अगले साल 1.3 बिलियन डोज तैयार करने की है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फाइजर साल के आखिर तक इतनी डोज बना लेगी कि डेढ़ से दो करोड़ लोगों को इम्युन किया जा सके। अमेरिकी सरकार ने फाइजर से 1.95 बिलियन डॉलर में 100 मिलियन डोज की डील की है यानी वैक्सीन की दो डोज 39 डॉलर (लगभग 2,900 रुपये) में पड़ रही है। दूसरे देशों को यह और महंगी मिल सकती है।
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